असम के लखीमपुर शहर में जहां एक ओर कूड़े का पहाड़ खत्म करने से नागरिकों को राहत की सांस मिली, वहीं नजदीक ही स्थित एक नदी को भी नया जीवन मिल गया। आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय (MoHUA) के स्वच्छ भारत मिशन-शहरी (SBM-U) 2.0 के अंतर्गत स्वच्छता की दिशा में आगे बढ़ते नॉर्थ लखीमपुर के कदम यहीं नहीं थमे हैं, बल्कि आज शहर के एक हिस्से में ऐसा MRF सेंटर एवं WTC प्लांट भी स्थापित किया जा चुका है, जो राज्य भर के शहरों के सामने मिसाल पेश कर रहा है।
वर्तमान में यह प्लांट वेस्ट रीसाइक्लिंग के साथ-साथ वेस्ट से कंपोस्ट बनाकर एक ही जगह कई सुविधाएं देने वाला असम राज्य का पहला केंद्र बन गया है।
सुमदिरी नदी में लौटे पक्षी और मछलियां : असम में नॉर्थ लखीमपुर म्यूनिसिपल बोर्ड ने सबसे पहले एक बड़ी उपलब्धि के रूप में 40-50 वर्ष से शहर के लिए मुश्किलों का सबब बने हुए लेगेसी वेस्ट डंपसाइट्स का कचरा 9 महीने के अंदर निस्तारित करके हासिल की। यह प्रयास न सिर्फ शहर से कूड़े का पहाड़ खत्म कर गंदगी का दंश मिटाने में सफल रहा, बल्कि स्थानीय नागरिकों को राहत की सांस देकर स्वास्थ्य की दृष्टि से भी वरदान सिद्ध हुआ। इतना ही नहीं, यह कूड़े का पहाड़ शहर से होकर गुजरने वाली सुमदिरी नदी के भी नजदीक मौजूद था, जिसके हटने से यह नदी भी फिर से जीवंत हो उठी है। नदी में फिर से मछलियों एवं पक्षियों सहित पानी में रहने वाले अन्य जीव भी लौटने लगे हैं।
LWT प्लांट से खत्म किया कूड़े का पहाड़ : रिपोर्ट्स के अनुसार यहां से तकरीबन 79,000 मीट्रीक टन ऐसे कचरे को हटाया गया, जिसने इतने लंबे अरसे से शहर के चांदमारी इलाके में नदी किनारे की भूमि घेरी हुई थी और 70,000 के करीब क्षेत्रीय आबादी इससे प्रभावित थी। लेगेसी वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट की मदद से कूड़े का पहाड़ खत्म कर यहां 16 बीघा जमीन कचरामुक्त कराई गई है, जिसके बाद अतिरिक्त 10 बीघा जमीन को ‘अर्बन फॉरेस्ट एंड अर्बन रिट्रीट जोन’ के रूप में विकसित किए जाने की योजना है। वर्तमान में यह शहर 36-42 टन प्रतिदिन म्यूनिसिपल सॉलिड वेस्ट उत्पन्न कर रहा है, जिसका विभिन्न प्लांट्स के माध्यम से निस्तारण किया जा रहा है।
नॉर्थ लखीमपुर के ही जपिसजिया में मैटेरियल रिकवरी फेसिलिटी (MRF) सेंटर और वेस्ट टू कंपोस्ट (WTC) प्लांट की सुविधाएं भी संयुक्त रूप से स्थापित की गई हैं, जहां एक ही स्थान पर साइंटिफिक सेग्रीगेशन और वेस्ट रीसाइक्लिंग के साथ-साथ गीले कचरे से कंपोस्ट की व्यवस्थाएं भी उपलब्ध हैं। इस तरह ये सुविधाएं कचरा प्रबंधन में नए मानक स्थापित कर रही हैं और यह सेंटर पूरे असम राज्य में हर एक शहर के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुका है।
MRF सेंटर पर प्रतिदिन 100 टन की क्षमता के साथ काम किया जा रहा है, जहां 7000 स्क्वायर फीट में सावधानीपूर्वक एवं योजनाबद्ध तरीके से कचरे को विभिन्न श्रेणियों में अलग करने की प्रक्रिया पूरी की जा रही है। वेस्ट रीसाइक्लिंग के जरिए वेस्ट से प्रोडक्ट में परिवर्तन के लिए आगे बढ़ाकर सर्कुलर इकॉनमी का हिस्सा भी बनाया जा रहा है।
इसी तरह से WTC प्लांट की मदद से खाद बनाकर क्षेत्रीय किसानों के लिए खाद उपलब्ध कराई जा रही है, जिससे कचरे से राजस्व उत्पन्न करने का संसाधन विकसित किए जा रहे हैं। इस प्लांट की क्षमता 25 टन गीले कचरे का प्रतिदिन प्रसंस्करण करने की है, जिसे पुन: उपयोग में लाकर कृषि उपयोग के लिए जैविक पदार्थ में बदला जा रहा है।
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