भोपाल की ज्योत्सना धाबड़े ने नगर निगम भोपाल द्वारा आयोजित सफाईमित्रों के लिए लोन मेला में भाग लिया। ज्योत्सना ने राष्ट्रीय सफाई कामगार आयोग की ‘स्वच्छता उद्यमी योजना’ के अंतर्गत लोन प्राप्त कर स्वच्छता वाहन खरीद कर एक स्वच्छता उद्यमी बन गईं। इसी तरह नई दिल्ली म्युनिसिपल कॉरपोरेशन में कार्यरत सुपरवाइजर राजा ने भी मशीनीकृत सीवर क्लीनिंग का अपना अनुभव साझा किया।
देश भर के कई शहरों में सफाई मित्रों की स्थिति को मजबूत करने के लिए “सफाई मित्र सुरक्षा चैलेंज”-2021 का आयोजन हुआ ।
इस चैलेंज का उद्देश्य सफाईमित्रों को स्वास्थ्य संबंधी शिक्षा देना और उनकी भलाई के लिए योजनाएं और पहल का निर्माण करना, सुरक्षा गियर के महत्व को सभी सफाई मित्रों से अवगत कराना और कार्य स्थल पर खतरों और जोखिम को खत्म करना है।
आवासन एवं शहरी कार्य मामलों के मंत्रालय (एमओएचयूए) ने स्वच्छ भारत मिशन 2.0 के तहत दिशा निर्देश जारी कर सफाई मित्रों के कल्याण पर ध्यान केंद्रित करने हेतु शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) को निर्देश दिया कि वे सुरक्षात्मक उपकरणों की उपलब्धता, प्रशिक्षण और जागरूकता के माध्यम से सफाई मित्रों को सशक्त करें। इस योजना का उद्देश्य स्वच्छता कार्य में शून्य मृत्यु दर हासिल करना है।
चंडीगढ़ प्रशासन ने 2018 में निर्णय लिया कि स्थानीय प्राधिकरण या कोई एजेंसी सीवर या सेप्टिक टैंक की जोखिम भरी सफाई के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी भी व्यक्ति को नियुक्त नहीं करेगा। इसके साथ ही आरएसए यानि “रिसपांसिबल सैनिटेशन अथॉरिटी” के तहत “इमरजेंसी रिसपांस सैनिटेशन यूनिट” (ईआरएसयू) की स्थापना की। इसके अलावा सफाई कर्मचारियों को पीपीई किट और सेफ्टी गियर उपलब्ध करवाने की व्यवस्था करता है। समय-समय पर सभी सफाई मित्रों की नियमित रूप से चिकित्सकीय जांच भी की जाती है।
सफाईमित्र सुरक्षित शहर अभियान के दौरान, असम में 96 शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) में से 83 ने 2023 में खुद को सफाईमित्र सुरक्षित शहर घोषित किया।
इस प्रयास के हिस्से के रूप में, 5230 स्वच्छता कर्मचारियों की गहन मैपिंग की गई ताकि उनकी आवश्यकताओं का आकलन किया जा सके, विशेष रूप से प्रशिक्षण और व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) किट तक पहुंच के संबंध इसके अलावा, स्वच्छता कार्यकर्ताओं की स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिए पूरे राज्य में 92 स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए गए।
वहीं महाराष्ट्र में पहले चरण में सरकारी और गैर-सरकारी (एनजीओ/एसएचजी/अकादमिक) क्षेत्र से 246 मास्टर ट्रेनर्स (एमटी) के एक समूह को तैयार किया। वहीं दूसरे चरण में पूरे महाराष्ट्र में 1917 सफाई कर्मचारियों को मास्टर प्रशिक्षकों की मदद से प्रशिक्षित किया गया। उत्तर प्रदेश में सफाईमित्रों की आजीविका में सुधार के लिए ऋण और उनकी पहुंच को आसान बना कर श्रमिकों की जीवनशैली के उत्थान के लिए अवसर प्रदान किये।
स्वच्छ भारत मिशन का लक्ष्य है कि सफाईमित्रों को उद्योग संबंधित प्रशिक्षण प्रदान कर उनकी सुरक्षा, उद्यमिता और सम्मान को सुनिश्चित किया जाए। इस प्रयास से सफाईमित्रों को सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा भी प्राप्त हो रही है साथ ही वे सफाईमित्र से sani-entrepreneure की राह पर भी अग्रसर हो रहे हैं।
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