Swachh Bharat Mission Urban 2.0

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मानसून के मौसम में साफ-सफाई और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से बच कर रहना बहुत महत्वपूर्ण होता है। क्योंकि बारिश के दौरान जलभराव के कारण संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है, जिससे जलजनित बीमारियाँ फैलने लगती हैं। इन बीमारियों से बचने के लिए स्वच्छता बहुत जरूरी होती है। इस साल मानसून से पहले स्वच्छता की तैयारियों को ध्यान में रखते हुए आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय (MoHUA) के स्वच्छ भारत मिशन- शहरी (SBM-U) ने “सफाई अपनाओ, बीमारी भगाओ” अभियान की शुरुआत की।

इस कैंपेन के तहत स्वच्छ सर्वेक्षण के महत्वपूर्ण घटक बैकलेन क्लीनिंग पर विशेष रूप से जोर दिया जा रहा है। इस अभियान में स्वच्छता और बीमारियों से संबंधित चुनौतियों से निपटने के लिए लाखों लोग एकजुट हो कर भाग ले रहे हैं। आस-पड़ोस की स्वच्छता व्यवहार परिवर्तन की ओर बढ़ने की पहली सीढ़ी है। बैकलेन गली-मोहल्ले में घरों के पीछे का वह हिस्सा होता है जहां लोगों की आवाजाही न के बराबर होती है जिससे लोगों को वहां पर कचरा फेंकने का अवसर मिल जाता है।

बैकलेन्स की बैकबोन बनी जन भागीदारी

मध्य प्रदेश के सभी शहरों ने बैकलेन क्लीनिंग ड्राइव का आयोजन किया जिसमें आश्चर्यजनक जन भागीदारी देखने को मिली। बैकलेन क्लीनिंग ड्राइव के अंतर्गत सबसे पहले वहां के अतिक्रमण को हटा कर नालियों की सफाई की गई जिससे बारिश के पानी का निकास सुगमता से हो सके।

रीवा नगर पालिका ने न केवल बैकलेन्स क्लीनिंग का जिम्मा उठाया बल्कि सभी वार्डों के फ्रंटलेन को भी स्वच्छ और सुंदर बनाने की पहल की। दीवारों पर सुंदर मुरल्स और पेंटिंग के अलावा 3आर द्वारा खेल के साधन भी उपलब्ध करवाए।

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बच्चों को मिला खेल के साथ ज्ञान का भंडार

बैकलेन क्लीनिंग से मध्य प्रदेश के रहवासियों के साथ-साथ वहां के बच्चों का भी उत्साह देखने योग्य है। नगर पालिका निगम रीवा ने बैकलेन क्लीनिंग कर छोटे बच्चों के लिए एक ऐसे स्थान का आविष्कार किया जहां उन्हें निश्चिंत हो कर खेलने के साथ-साथ पढ़ने का भी मौका मिल रहा है। दीवार पर थीम आधारित पेंटिंग ने आस-पास के स्कूली छात्रों को भी क्रिकेट खेलने के लिए आकर्षित किया।

इन्हीं बैकलेन में 3R मानक का प्रयोग करते हुए म्यूजिकल इंसट्रुमेंट लगाए गए जहां पर बच्चे सेल्फी का भी आनंद उठाते हैं। बैकलेन की दीवारों पर चित्रों और मुरल्स के अलावा अंग्रेजी और हिंदी के स्वर, वर्णमाला, गणित की गिनतियां और पहाड़े लिखवाए गए हैं। इन प्रयासों से बच्चों के शारीरिक विकास के साथ बौद्धिक विकास के अवसर को बल मिल रहा है।

आगरा नगर निगम (AMC) ने भी शहर भर में 9 बैकलेन्स की सफलतापूर्वक सफाई और रखरखाव किया। ट्यूलिप प्रशिक्षुओं ने इस अभियान में सक्रिय रूप से भाग लिया वहीं नागरिकों की भागीदारी ने स्थानीय सड़कों को सुंदर बनाने के प्रयास किए, जो उनके आस-पड़ोस में स्वच्छता बनाए रखने की उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह पहल इस सिद्धांत को रेखांकित करती है कि स्वच्छ शहर अपने नागरिकों के स्वास्थ्य और कल्याण में योगदान देते हैं।

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